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Diwali क्या है?

Diwali, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और सबसे लोकप्रिय त्योहार है। इसे “प्रकाश का त्योहार” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन घरों, मंदिरों, और सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाए जाते हैं। दीपावली का नाम दो शब्दों, “दीप” (प्रकाश) और “अवली” (लाइन या पंक्ति) से बना है, जिसका अर्थ होता है “दीपों की पंक्ति”। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और अच्छाई की बुराई पर जीत का उत्सव मनाता है।

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दीवाली का महत्व

Diwali केवल धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखती है। यह त्योहार हमें एकता, खुशियाँ, और शांति का संदेश देता है। इसके साथ ही यह आत्म-प्रकाश और आत्म-साक्षात्कार का भी प्रतीक है। लोग इस दिन को घर की सफाई, नए कपड़े पहनने, और अच्छे भोजन के साथ मनाते हैं। परिवार के सदस्य और मित्र मिलकर इस दिन को खास बनाते हैं, जो आपसी बंधन को और मजबूत करता है।

दीवाली का ऐतिहासिक महत्व

रामायण के प्रसंग से संबंध

Diwali का सबसे प्रचलित ऐतिहासिक महत्व भगवान राम से जुड़ा है। हिंदू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, भगवान राम जब लंका के राजा रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे, तब नगरवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीए जलाए थे। यह दिन कार्तिक माह की अमावस्या का था, और तब से इसे दीपों का त्योहार यानी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

महाभारत और अन्य पौराणिक कहानियाँ

महाभारत में भी Diwali का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि इसी दिन पांडव अपने वनवास और अज्ञातवास के बाद हस्तिनापुर लौटे थे। इसके अलावा, यह दिन कई अन्य पौराणिक घटनाओं से भी जुड़ा हुआ है, जैसे कि भगवान विष्णु द्वारा नरकासुर का वध करना, जो बुराई के अंत का प्रतीक है।

Diwali का सांस्कृतिक महत्व

समाज में Diwali का प्रभाव

Diwali का असर केवल धार्मिक नहीं है; यह समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। लोग आपस में मिठाइयाँ और उपहार बाँटते हैं, जो सामाजिक बंधन को और मजबूत करता है। दीवाली के मौके पर लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता का भी संदेश मिलता है।

विभिन्न धर्मों में दीवाली की मान्यता

हालांकि Diwali को मुख्य रूप से हिंदू त्योहार के रूप में मनाया जाता है, लेकिन जैन, सिख और बौद्ध धर्म में भी इसका विशेष महत्व है। जैन धर्म में इस दिन को भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि सिख धर्म में इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में जाना जाता है, जब गुरु हरगोबिंद जी को ग्वालियर के किले से रिहा किया गया था।

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Diwali की धार्मिक रस्में

लक्ष्मी पूजा

Diwali के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है। यह पूजा धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित होती है, जिससे घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। लोग इस दिन अपने घरों और दुकानों को साफ करते हैं और लक्ष्मी माँ की पूजा करते हैं।

गणेश पूजा

लक्ष्मी पूजा के साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें सभी कार्यों की शुरुआत के देवता के रूप में माना जाता है। गणेश जी की पूजा से कार्यों में सफलता मिलती है और सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं।

दीवाली कैसे मनाई जाती है

दीप जलाने की परंपरा

दीवाली की सबसे खास बात यह है कि इस दिन हर घर में दीप जलाए जाते हैं। यह परंपरा अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है।

आतिशबाजी का महत्व

दीवाली पर आतिशबाजी करना भी एक परंपरा बन गई है। हालांकि, यह परंपरा धीरे-धीरे विवादास्पद बन रही है क्योंकि इससे पर्यावरण को हानि होती है। अब लोग पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी के बजाय अन्य तरीकों से त्योहार मनाने का प्रयास कर रहे हैं।

Diwali के पाँच दिन

धनतेरस

धनतेरस के दिन लोग धन की देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि देवता की पूजा करते हैं। इस दिन सोने-चाँदी और नए बर्तनों की खरीदारी का प्रचलन है।

नरक चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी को ‘छोटी दीवाली’ भी कहा जाता है। इस दिन लोग स्नान करके और दीप जलाकर भगवान कृष्ण का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने नरकासुर का वध किया था।

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दीवाली का मुख्य दिन

दीवाली के मुख्य दिन को लक्ष्मी पूजा की जाती है और रात में दीप जलाए जाते हैं। लोग एक-दूसरे को मिठाइयाँ और उपहार बाँटते हैं।

गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं, जो भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देव के प्रकोप से बचाने के लिए उठाया गया था।

भाई दूज

भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाइयों द्वारा बहनों को उपहार दिए जाते हैं।

FAQs

  1. दीवाली का अर्थ क्या है?
    • दीवाली का अर्थ है “दीपों की पंक्ति,” जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
  2. दीवाली कब मनाई जाती है?
    • दीवाली आमतौर पर कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन आती है, जो अक्टूबर या नवंबर में होती है।
  3. दीवाली के पाँच दिन कौन-कौन से होते हैं?
    • धनतेरस, नरक चतुर्दशी, मुख्य दीवाली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज।
  4. दीवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है?
    • लक्ष्मी पूजा समृद्धि और खुशहाली की कामना के लिए की जाती है।
  5. दीवाली पर रंगोली का क्या महत्व है?
    • रंगोली शुभता का प्रतीक मानी जाती है और इसे घर के मुख्य द्वार पर बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  6. क्या दीवाली केवल हिंदू धर्म का त्योहार है?
    • नहीं, जैन, सिख, और बौद्ध धर्म में भी दीवाली का विशेष महत्व है।
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