- Advertisement -
25.1 C
New Delhi
HomeNewsPoliticsतिरुपति लड्डू में बीफ टैलो की मिलावट: आंध्र प्रदेश सीएम के आरोपों...

तिरुपति लड्डू में बीफ टैलो की मिलावट: आंध्र प्रदेश सीएम के आरोपों के बाद टीडीपी ने 18 sept को जारी की लैब रिपोर्ट

- Advertisement -
- Advertisement -

लड्डू में ‘बीफ टैलो’ की मिलावट: विवाद और राजनीतिक आरोपों की पूरी कहानी

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र लड्डू प्रसाद में कथित रूप से ‘ बीफ टैलो ‘ (गाय की चर्बी) की मिलावट का मामला सामने आया है, जिसने राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस विवाद के केंद्र में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनकी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) हैं, जिन्होंने इस दावे को उठाया और इसे लेकर प्रमाण के रूप में एक लैब रिपोर्ट भी पेश की है। इस लेख में हम इस पूरे विवाद के अहम बिंदुओं और घटनाओं पर चर्चा करेंगे।

विवाद की शुरुआत: नायडू का आरोप

राजनीतिक गलियारों में यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद, विशेष रूप से लड्डू, में घी की जगह ‘ बीफ टैलो ‘ का इस्तेमाल किया गया था। नायडू ने यह आरोप लगाते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा। उनका दावा था कि जब वाईएस जगन मोहन रेड्डी की सरकार सत्ता में थी, तब तिरुपति मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुँचाया गया और वहां तैयार होने वाले लड्डूओं में मिलावट की गई।

- Advertisement -

लैब रिपोर्ट से विवाद में बढ़ोतरी

नायडू के इस आरोप के बाद, टीडीपी ने दावा किया कि यह मिलावट एक लैब टेस्ट में पुष्टि हुई है। पार्टी प्रवक्ता अनाम वेंकट रमण रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात के आनंद स्थित नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की सीएएलएफ (Centre for Analysis and Learning in Livestock & Food) लैब द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा दिए गए घी के नमूने में ‘बीफ टैलो’, ‘लार्ड’ (सुअर की चर्बी), और मछली के तेल की मिलावट पाई गई थी।

  1. लैब रिपोर्ट: टीडीपी के मुताबिक, इस लैब रिपोर्ट से साबित होता है कि तिरुपति लड्डू में पशु वसा का उपयोग किया गया था, जो कि मंदिर की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं का गंभीर उल्लंघन है। यह नमूना 9 जुलाई 2024 को प्राप्त किया गया था और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई 2024 को जारी की गई थी।
  2. सरकारी पुष्टि का अभाव: हालांकि, अब तक आंध्र प्रदेश सरकार या टीटीडी ने इस लैब रिपोर्ट की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। टीटीडी वही संस्था है जो तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रबंधन का काम देखती है, और इस रिपोर्ट की सत्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

Also Read: Sarkari Naukri: सरकारी नौकरी के 50,000+ पदों पर बंपर भर्ती, जानें कैसे करें आवेदन

वाईएसआरसीपी की प्रतिक्रिया: आरोपों को नकारा

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। पार्टी ने चंद्रबाबू नायडू पर राजनीति के लिए घृणास्पद आरोप लगाने का आरोप लगाया। वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि इस तरह का आरोप न केवल मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुँचाता है, बल्कि लाखों भक्तों की धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है। उन्होंने कहा कि नायडू के आरोप ‘अकल्पनीय’ हैं और ऐसा सोचना भी एक भयंकर गलती है।

- Advertisement -

राजनीतिक पक्ष और धार्मिक भावनाएं

यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं का मुद्दा है, बल्कि यह राजनीतिक खेल का भी हिस्सा बन चुका है। तिरुपति लड्डू, जिसे प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक महत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह के आरोपों ने राज्य में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच पहले से ही चल रही राजनीतिक खींचतान ने इस विवाद को और भी तीव्र कर दिया है।

बीजेपी की प्रतिक्रिया: कानूनी कार्रवाई की मांग

इस विवाद के बीच बीजेपी ने भी इस मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं और इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं, तेलंगाना के बीजेपी विधायक राजा सिंह ने भी कहा कि इस तरह ‘ बीफ टैलो ‘ के आरोप भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर पर सीधा हमला हैं, जो बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।

भविष्य के संकेत: क्या होगा आगे?

अब सवाल यह उठता है कि इस मामले का भविष्य क्या होगा? क्या इस लैब रिपोर्ट की जांच होगी और क्या आंध्र प्रदेश सरकार या टीटीडी इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देगी? इस पूरे विवाद ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इस पर और बयानबाज़ी देखने को मिल सकती है। हालांकि, इस मामले में एक निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है ताकि बीफ टैलो का सच सामने आ सके।

निष्कर्ष: एक धार्मिक और राजनीतिक विवाद

तिरुपति लड्डू ‘ बीफ टैलो ‘ विवाद ने न केवल धार्मिक भावनाओं को झकझोर दिया है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग भी छेड़ दी है। जहां एक ओर टीडीपी अपने दावे पर अड़ी है, वहीं वाईएसआरसीपी इन आरोपों को पूरी तरह नकार रही है। इस विवाद का परिणाम क्या होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल यह मामला आंध्र प्रदेश की राजनीति का एक गर्म मुद्दा बना हुआ है।

- Advertisement -

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,183FollowersFollow
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here